वैलेंटाइन वीक के तीसरे दिन यानी चॉकलेट डे पर अभिनेता आयुष्मान खुराना ने अपनी और ताहिरा कश्यप की प्रेम कहानी साझा की। आयुष्मान के मुताबिक, उन्होंने ताहिरा का दिल चॉकलेट खिला-खिलाकर ही चुराया था।
आयुष्मान की प्रेम कहानी, उनकी ही जुबानी
प्यार के बारे में आप मेरी राय जानना चाहेंगे तो मैं कहूंगा कि प्यार दोस्ती है, क्योंकि पहले-पहल यह एक हद तक यह शुरुआती आकर्षण होता है। उसके बाद जो होती है वो आपकी दोस्ती होती है। यही आपके रिश्ते को आगे बढ़ाती है। ताहिरा और मेरा रिश्ता आज भी दोस्ती का है और दोस्ती से ही हमारे प्यार की शुरुआत हुई थी। वही मेरा पहला प्यार थीं।
जानता तो उन्हें पहले से था, पर सोलह साल की उम्र में उनके लिए दिल धड़का। तब हम दोनों एक ही स्कूल में 11वीं व 12वीं में थे। कोचिंग क्लास भी साथ-साथ ही जाया करते थे। मेरे पिताजी जो एस्ट्रोलॉजर हैं, उनकी ताहिरा के पापा राजन कश्यप जी से अच्छी खासी जान-पहचान थी। एक दिन ताहिरा की फैमिली हमारे यहां डिनर पर आई, तो उसके बाद ताहिरा और मेरा रिश्ता कुछ खास-सा हो गया।
स्कूल टाइम की हमारी यह लव स्टोरी आगे कॉलेज और थिएटर के दिनों में परवान चढ़ी। चंडीगढ में हम दोनों ने साथ में थिएटर किया। चंडीगढ़ में ही मंच तंत्र नाम का एक थिएटर ग्रुप भी साथ में बनाया। हम दोनों ने लंबे समय तक एक-दूसरे को डेट किया और फिर एक दिन शादी के लिए प्रपोज कर दिया। हम चूंकि फैमिली फ्रेंड्स थे, इसलिए शादी में परिजनों की परमिशन के लेवल पर कुछ मुश्किल नहीं आई। यह सब आसान था, क्योंकि हम दोनों एक दूसरे को बचपन से जानते थे।
रिश्ते में चॉकलेट्स सी मिठास
यह भी एक सीक्रेट है कि मेरी स्वीट सी वाइफ ताहिरा का दिल मैंने चॉकलेट्स खिला-खिलाकर जीत लिया था। उसे ब्राउनी चॉकलेट्स बहुत पसंद हैं। मैं हर डेट पर पर उसके लिए ब्राउनीज लेकर जाता था, और उसकी मिठास के साथ हमारे रिश्ते में भी मिठास घुलती रही। आज भी मैं उन्हें उनकी पसंदीदा ब्राउनी चॉकलेट्स खिलाता हूं। वह भी हमेशा मेरे लिए मेरे पसंदीदा चॉकलेट फ्लेवर केक का इंतजाम रखती हैं।
ताहिरा मेरी लाइफ कोच भी हैं
ये बहुत ही नसीब की बात होती है कि आपको वो इंसान मिल जाए, जिसको आपने शुरू से ही चाहा हो, जिससे आपकी बहुत बनती हो, जो आपको हर स्तर पर समझता हो। हम दोनों की रुचि एक जैसी है। दोनों लिखते-पढ़ते हैं। थिएटर से भी जुड़े रहे। आपको अपने जीवनसाथी के रूप में सही इंसान मिल जाए तो दुनिया में इससे बेहतर कुछ भी नहीं।
ताहिरा सिर्फ मेरी लाइफ पार्टनर ही नहीं बल्कि लाइफ कोच भी है। कॉलेज में पढ़ते थे, तब भी वह मुझे बहुत प्रेरित करती थीं और आज भी वह मेरी इस्पिरेशन है। कह सकते हैं कि हम दोनों एक दूसरे से काफी कुछ सीखते और सिखाते हैं। मुझे लगता है आपको जीवनसाथी के लिए कुछ करने या प्यार जताने के लिए एक ही हफ्ता या एक ही दिन मिले तो क्या फायदा..! मेरे लिए तो हर दिन वैलेंटाइंस डे हो सकता है।